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उत्तराखंड में 27 जनवरी से समान नागरिक संहिता होगी प्रभावी, यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा

27 जनवरी को अपराह्न 12:30 बजे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कैंप कार्यालय के जनता दर्शन हॉल में यूसीसी कानून और यूसीसी के लिए तैयार किए गए ऑनलाइन पोर्टल का लोकार्पण करेंगे।

देहरादून : तमाम कयासों को खत्म करते हुए राज्य सरकार ने 27 जनवरी को प्रदेश भर में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) कानून को प्रभावी करने का फैसला लिया है। गृह विभाग ने इसकी औपचारिक घोषणा कर दी है। 28 जनवरी को राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन करने देहरादून आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए यूसीसी कानून एक तोहफे की तरह होगा।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 20 जनवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में यूसीसी से जुड़ी नियमावली को मंजूरी दी गई थी। कैबिनेट ने यूसीसी को लागू करने की तारीख का ऐलान करने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया था। कयास लगाए जा रहे थे कि 26 जनवरी को यूसीसी कानून को लागू करने की घोषणा की जा सकती है, लेकिन निकाय चुनाव को लेकर प्रदेश में 23 दिसम्बर 2024 से आचार संहिता लागू है। 23 जनवरी को निकाय चुनावों के लिए मतदान हुए, जिसके मतों की गणना शनिवार को शुरू हुई। यह गिनती देर रात तक या 26 जनवरी की दोपहर तक जारी रहने की संभावना है।

इसके चलते यूसीसी नियमावली को लागू करने की तारीख 27 जनवरी मुकर्रर की गई है। 27 जनवरी को अपराह्न 12:30 बजे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कैंप कार्यालय के जनता दर्शन हॉल में यूसीसी कानून और यूसीसी के लिए तैयार किए गए ऑनलाइन पोर्टल का लोकार्पण करेंगे। सचिव गृह शैलेश बगोली ने अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, सभी सचिव और पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है और कार्यक्रम में शामिल होने का अनुरोध किया है।

क्या बदलाव आएंगे यूसीसी से?

सभी धार्मिक समुदायों पर समान कानून लागू होगा। तलाक, विवाह, और संपत्ति के बंटवारे की एक समान प्रक्रिया होगी। महिला अधिकारों को मजबूती मिलेगी और लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलेगा। आजादी के बाद ‘समान नागरिक संहिता’ लागू करने वाला देश का पहला प्रदेश बन जाएगा उत्तराखंड।

27 मई 2022 को बनी थी विशेषज्ञ समिति

विधानसभा चुनाव 2022 से पहले तत्कालीन सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दोबारा सरकार बनने पर यूसीसी कानून लागू करने का वादा किया था। दोबारा सरकार बनी तो पहली कैबिनेट में यूसीसी लागू करने की प्रतिबद्धता जताई गई। 22 मई 2022 को जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति बनी। समिति ने अपनी रिपोर्ट दो फरवरी 2024 को सरकार को सौंपी। आठ मार्च 2024 को विधानसभा में विधेयक पारित किया गया। विधानसभा से पास होने के बाद इस इसे राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा गया। 12 मार्च 2024 को इस अधिनियम पर राष्ट्रपति का अनुमोदन मिल गया। इसके बाद यूसीसी के क्रियान्वयन के लिए तकनीक आधारित व्यवस्थाएं लागू की गईं। नागरिकों और अधिकारियों के लिए ऑनलाइन पोर्टल विकसित किए गए। इसकी नियमावली तैयार की गयी। दो हजार से अधिक कर्मचारियों को यूसीसी कानून को लागू करने के लिए प्रशिक्षित किया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, समाज में आएगी एकरूपता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी 27 जनवरी से लागू की जाएगी, जिससे उत्तराखंड स्वतंत्र भारत का पहला राज्य बनेगा जहां यह कानून प्रभावी होगा। इसे लागू करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, जिसमें अधिनियम की नियमावली को मंजूरी और संबंधित अधिकारियों का प्रशिक्षण शामिल है। यूसीसी से समाज में एकरूपता आएगी और सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और दायित्व सुनिश्चित होंगे। इसके अंतर्गत जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है।

 

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