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गणतंत्र दिवस परेड में दिखेगी उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत

“सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल” पर आधारित होगी उत्तराखंड की झांकी, ऐपण कला की मिलेगी झलक

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर उत्तराखंड की ओर से प्रदर्शित की जाने वाली झांकी की थीम “सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल” रखा गया है। रक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में कलाकारों ने अपने-अपने राज्य एवं मंत्रालयों की सांस्कृतिक झलक पेश की।उत्तराखंड के कलाकारों द्वारा राज्य की पारंपरिक वेशभूषा में आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। साथ ही 15 राज्यों के कलाकारों ने भी अपने प्रदेश की झांकी के साथ पारंपरिक वेशभूषा में प्रस्तुति दी। गणतंत्र दिवस समारोह में इस वर्ष 15 राज्यों की झांकी सम्मिलित की गई है।

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड की झांकी में सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक एवं नोडल अधिकारी के.एस.चौहान के नेतृत्व में राज्य के 16 कलाकार भाग ले रहे हैं। गणतंत्र दिवस समारोह में कर्तव्य पथ पर उत्तराखंड की झांकी मार्च पास्ट करते हुए चतुर्थ स्थान पर दिखेगी। देवभूमि उत्तराखंड की इस झांकी में राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सुंदरता, साहसिक खेलों एवं पर्यटन को दर्शाया गया है। झांकी के अग्र भाग में उत्तराखंड की प्रसिद्ध ऐपण कला को बनाते हुए एक पारंपरिक वेशभूषा में महिला को दिखाया गया है। यह ऐपण आर्ट आज विश्वभर में प्रसिद्ध है। ऐपण कला उत्तराखंड के सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को दर्शाती है। इस कला को महिलाओं द्वारा पूजा कक्षों, घरों के प्रवेश द्वारों और दीवारों पर बनाया जाता है। इसको बनाने के लिए चावल का आटा तथा गेरु का उपयोग किया जाता है।

झांकी के ट्रेलर पार्ट में उत्तराखंड के साहसिक खेलों एवं साहसिक पर्यटन को चित्रित किया गया है, जैसे – नैनीताल और मसूरी में हिल साइकिलिंग, फूलों की घाटी और केदारकांठा की ट्रैकिंग, ओली में स्नो स्कीइंग तथा ऋषिकेश में योगा, बंजी जम्पिंग, जिप-लाइनिंग एवं रॉक क्लाइम्बिंग आदि।

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