नई दिल्लीः अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद एक नए तरह का विरोध वहां की कुछ महिलाओं ने शुरू किया है। सोशल मीडिया अमेरिका की उन महिलाओं की तस्वीरों से भर गया है, जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत के विरोध में अपने सिर मुंडवा लिए हैं। इतना ही नहीं वे अपने पति और पुरुष मित्र के साथ यौन संबंध नहीं बनाने की घोषणा भी कर रही हैं। इन महिलाओं ने ‘4बी’ आंदोलन से जुड़ने की घोषणा की है।
दरअसल, अमेरिका में ट्रम्प की जीत को कुछ लोग महिला विरोधियों के महिमामंडन के रूप में देख रहे हैं। ट्रम्प और उनकी रिपब्लिकन पार्टी ने कई मौकों पर स्पष्ट किया है कि महिलाओं के मुद्दों को लेकर उनकी राय क्या है। ट्रम्प द्वारा नियुक्त जज ने ही रो बनाम वेड मुकदमे का फैसला सुनाया था, जिससे गर्भपात कानूनी अधिकार नहीं रह गया था। महिलओं को गर्भपात से रोकने का मुद्दा अमेरिकी चुनाव में एक बड़ा मुद्दा था। कुछ लोगों, खासकर महिलाओं का मानना है कि ट्रम्प की जीत उस व्यक्ति को वैधता देता है जिसपर कई महिलाओं ने शोषण के आरोप लगाए हैं।
तो क्या सारी अमेरिकी महिलाएं ट्रम्प के खिलाफ हैं, तो उत्तर है नहीं। ट्रम्प को चुनाव में महिलाओं का काफी साथ मिला। यानी कि वह ट्रम्प से और उनकी नीतियों से खफा नहीं हैं। अमेरिका में हुए चुनाव में 18 से 44 साल की 43 प्रतिशत महिलाओं ने ट्रम्प के लिए वोट किय़ा। गौर करने लायक बात है कि 53 प्रतिशत श्वेत महिलाओं ने ट्रम्प के लिए वोट किया। डेमोक्रेट प्रत्याशी कमला हैरिस को 46 प्रतिशत श्वेत महिलाओं का साथ मिला।
क्या है ‘4बी’ आंदोलन?
‘4बी’ आंदोलन दक्षिण कोरिया में 2017 में अस्तित्व में आया। नारी विरोधी आंदोलनों की लहर के बीच 2019 में इसे प्रमुखता मिली। दक्षिण कोरिया में शुरू हुए ‘4बी’ आंदोलन को पितृसत्ता के खिलाफ एक नारीवादी आंदोलन के रूप में समझा जा सकता है। 4बी आंदोलन चार ‘न’ पर केंद्रित है, जिसमें पुरुषों के साथ डेटिंग न करना, शादी न करना, बच्चे पैदा न करना और सेक्स न करना शामिल है। कोरियाई में, ये सभी शब्द ‘बी’ से शुरू होते हैं। इसमें बिहोन (कोई शादी नहीं), बिचुल्सन (कोई प्रसव नहीं), बियोना (कोई डेटिंग नहीं), और बिसेसेउ (पुरुषों के साथ कोई यौन संबंध नहीं) शामिल हैं।