रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रम्प फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए हैं। उन्होंने स्पष्ट जनादेश प्राप्त किया है। उन्हें 50 राज्यों की 538 में से 277 सीटें मिली हैं, जो बहुमत के लिए जरूरी 270 सीटों से अधिक है। डेमोक्रेटिक पार्टी की कैंडिडेट कमला हैरिस कड़ी टक्कर देने के बावजूद 224 सीटें ही जीत पाईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने “मित्र” ट्रम्प को बधाई दी और उम्मीद जताई कि दोनों नेता भारत और अमेरिका की जनता के लिए काम करने के साथ ही दुनिया में शांति के लिए काम करेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की आज चारों ओर चर्चा है। ट्रम्प की चर्चा है, मोदी के साथ उनकी दोस्ती की चर्चा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमेरिका में चुनाव कैसे होते हैं? तो आइये विस्तार से जानते हैं अमरीकी चुनाव प्रक्रिया के बारे में।
अप्रत्यक्ष चुनाव : संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव एक अप्रत्यक्ष चुनाव है। इनमें संयुक्त राज्य के नागरिक सीधे उम्मीदवारों के लिए नहीं, बल्कि निर्वाचक मंडल के सदस्यों के लिए मतदान करते हैं ।
दो दलों का वर्चस्व : संयुक्त राज्य अमेरिका के गणतंत्र की स्थापना के तुरंत बाद से अमेरिकी चुनावी राजनीति में दो प्रमुख राजनीतिक दलों का वर्चस्व रहा है । 1850 के दशक से, दो सबसे बड़े राजनीतिक दल डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी रहे हैं – जिन्होंने 1852 से हर संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव जीते हैं और कम से कम 1856 से संयुक्त राज्य कांग्रेस को नियंत्रित किया है ।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव एक जटिल प्रक्रिया है, जो मुख्यतः निम्नलिखित चरणों में होती है:
प्राइमरी और कॉकस (Primaries and Caucuses)
– राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारों का चयन करने के लिए, विभिन्न राजनीतिक पार्टियाँ अपने भीतर प्राइमरी चुनाव या कॉकस आयोजित करती हैं।
– प्राइमरी आमतौर पर सीधे वोटिंग के माध्यम से होती है, जबकि कॉकस एक प्रकार का सभा होती है जहाँ मतदाता उम्मीदवारों का समर्थन करते हैं।
– इस चरण में, विभिन्न राज्यों में पार्टी के समर्थक उम्मीदवारों को चुनते हैं।
नेशनल पार्टी कन्वेंशन (National Party Conventions)
– प्राइमरी और कॉकस के परिणामों के बाद, प्रत्येक पार्टी का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित होता है, जहाँ पार्टी अपने आधिकारिक राष्ट्रपति उम्मीदवार का चयन करती है।
– सम्मेलन में पार्टी के सदस्य और डेलीगेट्स एकत्र होते हैं, और आमतौर पर यहाँ उम्मीदवार के लिए मतदान किया जाता है।
जनरल इलेक्शन (General Election)
– राष्ट्रपति चुनाव का वास्तविक मतदान नवंबर के पहले सोमवार को होता है। यह चुनाव आमतौर पर दूसरे मंगलवार को होता है (यानी 2 नवंबर से 8 नवंबर के बीच)।
– वोटर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों के लिए मतदान करते हैं।
इलेक्टोरल कॉलेज (Electoral College)
– अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव जनमत से नहीं, बल्कि इलेक्टोरल कॉलेज के माध्यम से होता है।
– हर राज्य को उसके जनसंख्यानुसार इलेक्टोरल वोट्स दिए जाते हैं। कुल मिलाकर 538 इलेक्टोरल वोट्स होते हैं, और किसी उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनने के लिए 270 वोट हासिल करने की आवश्यकता होती है।
– जब मतदाता मतदान करते हैं, वे वास्तव में अपने राज्य के इलेक्टर्स को वोट देते हैं, जो फिर इलेक्टोरल कॉलेज में मतदान करेंगे।
इलेक्टोरल वोटिंग (Electoral Voting)
– दिसंबर में, इलेक्टर्स अपने-अपने राज्यों में मिलते हैं और राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए मतदान करते हैं।
– इस मतदान के परिणाम को फिर प्रमाणित किया जाता है।
कांग्रेस के समक्ष प्रमाणन (Certification before Congress)
– जनवरी में, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के इलेक्टोरल वोट का प्रमाणन करने के लिए कांग्रेस की एक विशेष सत्र होती है।
– इस प्रक्रिया में कोई विवाद उठने पर, कांग्रेस उसके समाधान के लिए जिम्मेदार होती है।
शपथ ग्रहण (Inauguration)
– 20 जनवरी को, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति शपथ लेते हैं और अपना कार्यकाल शुरू करते हैं।
ये सभी चरण मिलकर अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया को पूरा करते हैं। यह प्रक्रिया लोकतान्त्रिक मूल्यों को बनाए रखने और उम्मीदवारों को चुनने में दर्शकों की भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है।