मैनपुरी (उप्र): समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने और उनके इस्तीफे के बाद खाली हुई करहल विधानसभा सीट का उपचुनाव दिलचस्प हो गया है। भाजपा का प्रत्याशी घोषित होने के बाद यहां मुकाबला मुलायम सिंह यादव के रिश्तेदारों में ही होने वाला है। भाजपा ने इस सीट से अनुजेश यादव को उम्मीदवार घोषित किया है। उनका मुकाबला तेज प्रताप यादव से होगा जो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की पुत्री राजलक्ष्मी के पति हैं। इतना ही नहीं, अनजेश रिश्ते में तेज प्रताप के फूफा लगते हैं।
अनुजेश यादव को मैदान में उतारने के भाजपा के फैसले ने सपा के तेज प्रताप यादव के साथ मुकाबला कड़ा कर दिया है। वह सैफई परिवार के सदस्य और दिवंगत मुलायम सिंह यादव के भतीजे रणवीर सिंह यादव के पोते हैं। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक अनुजेश यादव, मुलायम सिंह यादव के भतीजे और आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेन्द्र यादव के सगे जीजा हैं। धर्मेन्द्र सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चचेरे भाई हैं। अनुजेश सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के भाई अभयराम यादव के दामाद हैं, इस लिहाज से अनुजेश यादव मुलायम के रिश्ते के दामाद हुए।
राजनीतिक पर्यवेक्षक इस उपचुनाव को यादव परिवार के दो रिश्तेदारों के बीच एक बड़े पारिवारिक मामले के रूप में देख रहे हैं, जिसमें तेज प्रताप करहल सीट पर सपा के लंबे समय से कब्जे का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि अनुजेश यादव भाजपा के समर्थन से अपनी पैठ बनाने का लक्ष्य रखते हैं। अनुजेश यादव फिरोजाबाद जिले के भरौल गांव के रहने वाले हैं और उनकी शादी मैनपुरी के जिला पंचायत की पूर्व जिला प्रमुख संध्या यादव से हुई है, जो भाजपा की प्रमुख समर्थक रही हैं।
करहल सीट पर 1993 से सपा का दबदबा है और 2022 के विधानसभा चुनाव में खुद अखिलेश यादव ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। हालांकि, 2024 में कन्नौज से लोकसभा में जीत के बाद उन्होंने करहल सीट खाली कर दी, जिससे इस उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया। बहुजन समाज पार्टी द्वारा भी अवनीश कुमार शाक्य नाम के उम्मीदवार को मैदान में उतारने के बावजूद राजनीतिक विश्लेषक इस मुकाबले को भाजपा और सपा के बीच सीधी लड़ाई के रूप में देख रहे हैं। बसपा के इस कदम को सपा के पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लगाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, खासकर सपा के जिला प्रमुख एवं विधायक रह चुके आलोक शाक्य के शाक्य वोटों पर कब्जा करने की उम्मीद है।
रिश्तेदारों के बीच प्रतिद्वंद्विता तब और बढ़ गई, जब 24 मार्च, 2019 को धर्मेंद्र यादव के नाम से एक पत्र वायरल हुआ, जिसने भाजपा में शामिल होने के फैसले के बाद अनुजेश से खुद को दूर कर लिया था। पत्र में लिखा था, “जो कोई भी भाजपा में शामिल होता है, वह मेरा रिश्तेदार नहीं हो सकता।” यादव परिवार के पैतृक गांव सैफई से महज चार किमी दूर स्थित करहल डिंपल यादव के मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र का भी हिस्सा है। करहल उत्तर प्रदेश की उन नौ विधानसभा सीटों में से एक है जहां 13 नवम्बर को उपचुनाव होने हैं। नतीजे 23 नवम्बर को आने हैं।
अनुजेश का परिवार भी राजनीतिक रूप से काफ़ी सक्रिय और प्रभावी रहा है। अनुजेश यादव की मां उर्मिला यादव और उनके चाचा जगमोहन यादव भी घिरोर विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं। अनुजेश यादव का दावा है कि वो भाजपा उम्मीदवार के रूप में मजबूती से चुनाव मैदान में उतरे हैं । दूसरी ओर सपा उम्मीदवार तेज प्रताप यादव का दावा है कि करहल विधानसभा एक लंबे अरसे से समाजवादियों का गढ़ रही है इसलिए इस सीट पर भगवा फहरने करने की कतई कोई संभावनाएं नहीं है।
करहल विधानसभा सीट पर मतदाताओं की संख्या तीन लाख 75 हजार है। करहल में एक लाख 30 हजार यादव और 60 हजार अनुसूचित जाति के मतदाता हैं। साथ ही 50 हजार शाक्य, 30 हजार ठाकुर, 30 हजार पाल/बघेल, 25 हजार मुस्लिम, 20 हजार लोधी, 20 हजार ब्राह्मण और 15 हजार के करीब बनिया समाज के मतदाता भी दोनों उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।