मुजफ्फरनगर: जिले की एक विशेष अदालत ने मुजफ्फरनगर दंगा मामले में पेश नहीं होने पर उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल सहित कई हिंदू कार्यकर्ताओं और भाजपा नेताओं के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया। अदालत ने इस मामले में पेश नहीं होने को लेकर डासना मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद, राज्य के पूर्व मंत्री सुरेश राणा, पूर्व सांसद भारतेंदु सिंह और पूर्व विधायक अशोक कंसल के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी किया है।
जिले की सांसद-विधायक अदालत के विशेष न्यायाधीश देवेन्द्र फौजदार ने वारंट जारी किया और आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए 29 अक्टूबर की तारीख तय की। अदालत ने सभी आरोपियों को अगली तारीख पर पेश होने का आदेश दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, विहिप नेता साध्वी प्राची, भाजपा के पूर्व विधायक उमेश मलिक, पूर्व सांसद सोहनवीर सिंह और मुजफ्फरनगर से लोकसभा सदस्य हरेंद्र सिंह मलिक सोमवार को अदालत में मौजूद थे। अभियोजन अधिकारी नीरज सिंह ने बताया, ‘बालियान, साध्वी प्राची, अग्रवाल, उमेश मलिक, कंसल और भारतेंदु सिंह समेत बीस लोग मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि 12 आरोपी सोमवार को अदालत में पेश नहीं हुए, जबकि आठ उपस्थित थे। मुजफ्फरनगर और शामली जिलों में 2013 के सांप्रदायिक दंगों में 60 से अधिक लोग मारे गए थे और 40,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए थे।