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कृषि से लेकर स्वास्थ्य क्षेत्र तक बदलाव ला रहा एआई, जानिये कैसे

अनुमान है कि वर्ष 2030 में भारत में एआई अपनाने से कम से कम 33.8 लाख करोड़ रुपए का आर्थिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

नई दिल्लीः कृत्रिम मेधा (आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस यानी एआई) की मदद देश की कुछ सबसे बड़ी चुनौतियों के समाधान में ली जा रही हैं। इनमें कृषि के तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच शामिल है।
गूगल इंडिया ने ‘भारत के लिए एक एआई अवसर एजेंडा’ रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि भारत अपनी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, बेहतरीन तकनीकी प्रतिभा, युवा जनसांख्यिकी और जीवंत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के साथ एआई के लाभ लेने के लिए तैयार है। रिपोर्ट के अनुसार एआई जलवायु जोखिमों को कम करके, उत्पादकता और स्थिरता तथा फसल मूल्य निर्धारण की जानकारी और फसल के संभावित खतरों की प्रारंभिक चेतावनी तक पहुंच प्रदान करके भारत के कृषि क्षेत्र की मदद कर रहा है।

एग्रोस्टार जैसे एआई- प्लेटफॉर्म किसानों को सशक्त बना रहे हैं, फसल की पैदावार बढ़ाने में मदद कर रहे हैं और किसानों के लिए टिकाऊ प्रथाओं को प्रोत्साहित कर रहे हैं। एआई के प्रति एक व्यापक और जिम्मेदार द्दष्टिकोण महत्वपूर्ण आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति को खोल सकता है। अनुमान है कि वर्ष 2030 में भारत में एआई अपनाने से कम से कम 33.8 लाख करोड़ रुपए का आर्थिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। स्वास्थ्य सेवा में, एआई निदान को बेहतर बनाने, पहुंच का विस्तार करने और देखभाल को व्यक्तिगत करने में मदद कर रहा है। एआई का उपयोग करके उन महिलाओं की पहचान की जा रही है जो अपने स्वास्थ्य सूचना कार्यक्रम से बाहर होने के जोखिम में हैं।

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