एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद विपक्ष ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े गए। राज्य में संभवत: अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं।
विभिन्न दलों के नेताओं ने सिद्दीकी की मौत पर शोक जताया और विपक्षी दलों के कुछ नेताओं ने महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। महाराष्ट्र विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने कहा कि ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त एवं सत्तारूढ़ पार्टी के नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जो कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “दुख की इस घड़ी में मैं उनके (सिद्दीकी के) परिवार, मित्रों और समर्थकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।” खरगे ने कहा, ‘‘न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए और वर्तमान महाराष्ट्र सरकार को गहन और पारदर्शी जांच का आदेश देना चाहिए। दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए। जवाबदेही सर्वोपरि है।” राकांपा(शरदचंद्र पवार) के नेता शरद पवार ने कहा कि बिगड़ती कानून व्यवस्था चिंताजनक है। पवार ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह भी चिंताजनक है कि स्थिति को इतनी हल्के ढंग से लिया जा रहा है। शरद पवार ने ‘एक्स’ पर लिखा कि सत्तारूढ़ पार्टी को घटना की जिम्मेदारी लेते हुए और सत्ता छोड़ देनी चाहिए। शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह घटना चौंकाने वाली है। ठाकरे ने कहा, ‘‘यह महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है। प्रशासन, कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है।” सिद्दीकी के करीबी मित्र और राकांपा के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि उनके पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि उन्होंने सिद्दीकी के साथ उस समय काम किया था, जब वे दोनों कांग्रेस में थे।