ऑपरेशन सिंदूर: किसने जुटाई जानकारी, कैसे भारत ने किए सटीक हमले

भारतीय सेना ने एक बयान में बताया है कि भारत ने काफी संयम और सटीकता से हमले को अंजाम दिया। इस हमले के दौरान केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।

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नई दिल्ली: पहलगाम हमले का बदला लेते हुए भारतीय सैन्य बलों ने मंगलवार मध्यरात्रि के बाद पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर हमला कर दिया। सैन्य बलों ने इसे ऑपरेशन सिंदूर का नाम दिया है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि पाकिस्तान और पीओके में 9 स्थानों को निशाना बनाया गया है।

भारतीय सेना ने एक बयान में बताया है कि भारत ने काफी संयम और सटीकता से हमले को अंजाम दिया। इस हमले के दौरान केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था। सेना ने साफ कहा कि किसी भी पाकिस्तानी सैन्य अड्डे पर हमला नहीं किया गया। इस हमले की योजना काफी विस्तार से बनाई गई थी और पूरी सटीकता से इसे अंजाम दिया गया। इस हमले में भारतीय सेना के तीनों अंगों – थल सेना, वायु सेना और नौसेना – ने सम्मलित रूप से भागीदारी की और आपस में काफी समन्वय के साथ काम किया।

भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों ने आतंकी निशानों की सटीक जानकारी जुटाई। उन्होंने खुफिया ढंग से प्राप्त को-आर्डिनेट्स मुहैया कराए। इसके बाद भारतीय सेनाओं ने काफी सावधानी से जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तोयबा को निशाना बनाने के लिए हमले के स्थानों का चयन किया। तीनों सेनाओं ने टुकड़ियों और कर्मियों की मूवमेंट तय की और उन्हें काम को अंजाम देने का लक्ष्य दिया। आतंकवादियों को निशाना बनाने के लिए सटीकता से वार करने वाले विशेष हथियारों का इस्तेमाल किया गया।

आतंकियों पर किया प्रहार

भारतीय सैन्य बलों ने जिन नौ स्थानों पर हमला किया उनमें से चार पाकिस्तान में थे और पांच पीओके में। पाकिस्तान में बहावलपुर, मुरीदके और सियालकोट शहरों में हमले किए गए। बहावलपुर में सैन्य बलों का निशाना जैश-ए-मोहम्मद था तो मुरीदके में लश्कर-ए-तोयबा। जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना मसूद अजहर ने की थी। वह यूएन द्वारा घोषित वैश्विक आतंकवादी है। बहावलपुर में उसका मुख्यालय है। पुलवामा हमले के पीछे भी इसी संगठन का हाथ था। वहीं, लश्कर का सरगना हाफिज सईद मुरीदके का ही रहने वाला है।

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