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सांसदों का वेतन 24 प्रतिशत बढ़ा, जानिये अब हर महीने कितने रुपए मिलेंगे, भत्ते भी बढ़े

केंद्र ने सोमवार को संसद सदस्यों के वेतन में 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी की। यह वृद्धि एक अप्रैल 2023 से प्रभावी होगी।

नई दिल्ली: केंद्र ने सोमवार को संसद सदस्यों के वेतन में 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी की। यह वृद्धि एक अप्रैल 2023 से प्रभावी होगी। इसके साथ ही, सांसदों का मासिक वेतन कुछ भत्तों और सुविधाओं के अलावा 1.24 लाख रुपए हो गया है। यह बढ़ोतरी लागत मुद्रास्फीति सूचकांक के आधार पर की गई है।

अधिसूचना के अनुसार, संसद सदस्यों को अब 1.24 लाख रुपए प्रति माह वेतन मिलेगा। पहले यह राशि एक लाख रुपए थी। संसद सदस्य को अब निर्वाचन क्षेत्र भत्ता के रूप में 87,000 रुपए प्रति माह मिलेंगे, जो पहले 70,000 रुपए था। कार्यालय खर्च के लिए सांसदों को 75,000 रुपए मिलेंगे, जबकि पहले यह राशि 60,000 रुपए थी। 75,000 रुपए के कार्यालय खर्च में कंप्यूटर ऑपरेटर की सेवाएं लेने के लिए 50,000 रुपए और ‘स्टेशनरी’ सामग्री के लिए 25,000 रुपए शामिल हैं। सांसदों को अपने कार्यकाल के दौरान एक बार एक लाख रुपए का टिकाऊ फर्नीचर और 25,000 रुपए का गैर-टिकाऊ फर्नीचर खरीदने का भी अधिकार है। इससे पहले, टिकाऊ फर्नीचर के लिए 80,000 रुपए और गैर-टिकाऊ फर्नीचर के लिए 20,000 रुपए खर्च करने का अधिकार था। सांसदों को विट्ठलभाई पटेल (वीपी) हाउस में हॉस्टल से लेकर मध्य दिल्ली में दो बेडरूम वाले फ्लैट और बंगले तक आवास मिलता है। उन्हें बिजली, पानी, टेलीफोन और इंटरनेट शुल्क के लिए भी राशि दी जाती है।

दैनिक भत्तों, पेंशन में भी वृद्धि 

संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, मौजूदा सदस्यों के दैनिक भत्तों और पेंशन में भी वृद्धि की गई है। पूर्व सदस्यों के लिए पांच साल से अधिक की सेवा पर प्रत्येक वर्ष के लिए अतिरिक्त पेंशन की घोषणा की गई है। दैनिक भत्ता 2,000 से बढ़ाकर 2,500 रुपए कर दिया गया है। पूर्व सांसदों की पेंशन 25,000 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 31,000 रुपए प्रति माह कर दी गई है। पांच साल से अधिक की सेवा पर प्रत्येक वर्ष के लिए अतिरिक्त पेंशन 2,000 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 2,500 रुपए प्रति माह कर दी गई है।

जेटली ने बनाया था स्वत: संशोधन के लिए तंत्र

वर्ष 2018 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सांसदों का वेतन 50,000 रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया था। जेटली ने हर पांच साल में वेतन और भत्तों में स्वत: संशोधन के लिए एक तंत्र भी बनाया था, जिसे मुद्रास्फीति के साथ जोड़ा गया था। इसके साथ ही सांसदों द्वारा अपना वेतन तय करने के लिए सिफारिशें करने का चलन खत्म हो गया था।

जो मिलेगा माननीयों को (रुपए)

मद                               अब                      पहले

वेतन                           1, 24, 000              1,00,000

निर्वाचन क्षेत्र भत्ता          87,000                 70,000

कार्यालय खर्च               75,000                 60,000

टिकाऊ फर्नीचर            1,00,000                80,000

गैर-टिकाऊ फर्नीचर       25,000                 20,000

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