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बंदरगाह से दूर बसे राज्यों में हो जलमार्ग, ड्राई पोर्ट और लॉजिस्टिक पार्क का विकास: संजय कुमार झा

परिवहन, पर्यटन एवं संस्कृति संबंधी स्थाई संसदीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उठाया ‘लैंड लॉक स्टेट्स’ का मुद्दा

नई दिल्ली/पटना: परिवहन, पर्यटन एवं संस्कृति संबंधी स्थाई संसदीय समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक समिति के अध्यक्ष, राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा की अध्यक्षता में बुधवार को नई दिल्ली स्थित संसदीय सौंध में आयोजित हुई। इसमें भारत में पोर्ट के क्षमता विस्तार के साथ-साथ पोर्ट में भीड़भाड़ (port congestion) से निपटने और चुनौतियों के समाधान के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने देश में चल रहे पोर्ट विकास कार्यों से संबंधित प्रस्तुति दी। बैठक के दौरान संसदीय समिति के अध्यक्ष संजय कुमार झा ने विशेष रूप से उन राज्यों का मुद्दा उठाया, जो भौगोलिक रूप से समुद्र से जुड़े नहीं (landlocked states) हैं, और जिनका सीधे तौर पर देश के प्रमुख बंदरगाहों से संपर्क नहीं है।

जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों से आग्रह किया कि ऐसे राज्यों में अंतर्देशीय जलमार्गों (inland waterways) का विकास किया जाए; ड्राई पोर्ट (dry ports) और रेल व सड़क मार्गों के माध्यम से इन राज्यों तक बंदरगाहों से बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जाए; और प्रमुख शहरों में लॉजिस्टिक पार्कों का विकास किया जाए। उन्होंने कहा कि इन कदमों से न केवल भौगोलिक रूप से समुद्र से दूर बसे राज्यों की आर्थ‍िक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि देश की समग्र बंदरगाह क्षमता भी बढ़ेगी और विकास को बल मिलेगा।

संजय कुमार झा ने मंत्रालय से यह भी आग्रह किया कि वे रेड-सी (Red Sea) में उत्पन्न होने वाली वर्तमान स्थिति को लेकर सजग रहें, ताकि भारतीय व्यापार को इस संकट से कोई नुकसान न हो।

इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि भारत में समुद्री गतिविधियों से जुड़ी शिक्षा को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है, ताकि बंदरगाह उद्योग में काम करने के लिए अधिक प्रशिक्षित एवं योग्य लोग सामने आ सकें। इस दिशा में पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय द्वारा और अधिक पहल की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस क्षेत्र में कुशल जनशक्ति की कोई कमी न हो।

बैठक में संसदीय समिति के सभी सदस्यों ने देश में बंदरगाहों के विकास और क्षमता विस्तार के लिए प्रस्तावित उपायों पर सहमति व्यक्त की। बैठक में संसदीय समिति के सदस्य और पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।

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